पद परिचय: परिभाषा, भेद और पहचान
वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को 'पद' कहते हैं। जब इन पदों का व्याकरणिक परिचय दिया जाता है, अर्थात व्याकरण के नियमों के अनुसार उनका स्वरूप और दूसरे पदों के साथ उनका संबंध बताया जाता है, तो उसे 'पद परिचय' कहते हैं। पद परिचय में शब्द के भेद (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय), उनके उपभेद, लिंग, वचन, कारक, काल, वाच्य, और वाक्य में उनका कार्य आदि का उल्लेख किया जाता है।
पद परिचय के मुख्य बिंदु:
1. संज्ञा (Noun)
- भेद: व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक
- लिंग: पुल्लिंग/स्त्रीलिंग
- वचन: एकवचन/बहुवचन
- कारक: (कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण, संबोधन) और क्रिया से संबंध।
- उदाहरण: राम ने पुस्तक पढ़ी। (राम: व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'पढ़ी' क्रिया का कर्ता)
2. सर्वनाम (Pronoun)
- भेद: पुरुषवाचक (उत्तम, मध्यम, अन्य), निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक, निजवाचक
- लिंग: पुल्लिंग/स्त्रीलिंग (वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा के अनुसार)
- वचन: एकवचन/बहुवचन
- कारक: और क्रिया से संबंध।
- उदाहरण: वह पढ़ रहा है। (वह: पुरुषवाचक सर्वनाम (अन्य पुरुष), पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'पढ़ रहा है' क्रिया का कर्ता)
3. विशेषण (Adjective)
- भेद: गुणवाचक, संख्यावाचक (निश्चित/अनिश्चित), परिमाणवाचक (निश्चित/अनिश्चित), सार्वनामिक (संकेतवाचक)
- अवस्था: मूलावस्था, उत्तरावस्था, उत्तमावस्था (यदि लागू हो)
- लिंग, वचन: विशेष्य (जिस संज्ञा/सर्वनाम की विशेषता बताता है) के अनुसार
- विशेष्य: (जिस शब्द की विशेषता बता रहा है)
- उदाहरण: यह सुंदर फूल है। (सुंदर: गुणवाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, एकवचन, 'फूल' विशेष्य का विशेषण)
4. क्रिया (Verb)
- भेद: सकर्मक/अकर्मक (कर्म सहित/कर्म रहित)
- लिंग, वचन, पुरुष: कर्ता/कर्म के अनुसार
- काल: भूतकाल, वर्तमानकाल, भविष्यतकाल
- वाच्य: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
- अन्य: धातु, क्रिया का प्रकार (मुख्य, सहायक)
- उदाहरण: बच्चा खेल रहा है। (खेल रहा है: अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, 'बच्चा' कर्ता की क्रिया)
5. अव्यय (Indeclinables/Adverbials)
- ये ऐसे शब्द होते हैं जिन पर लिंग, वचन, कारक, काल आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- उपभेद:
- क्रिया-विशेषण (Adverb): क्रिया की विशेषता बताता है। (भेद: रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक)
- उदाहरण: वह धीरे-धीरे चलता है। (धीरे-धीरे: रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, 'चलता है' क्रिया की विशेषता)
- संबंधबोधक (Preposition): संज्ञा/सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से बताता है।
- उदाहरण: घर के सामने पेड़ है। (के सामने: संबंधबोधक, 'घर' का संबंध 'पेड़' से)
- समुच्चयबोधक (Conjunction): दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ता है। (भेद: समानाधिकरण, व्यधिकरण)
- उदाहरण: राम और श्याम मित्र हैं। (और: समानाधिकरण समुच्चयबोधक, 'राम' और 'श्याम' को जोड़ रहा है)
- विस्मयादिबोधक (Interjection): हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य आदि भावों को प्रकट करता है।
- उदाहरण: वाह! कितना सुंदर दृश्य है। (वाह!: विस्मयादिबोधक, हर्षसूचक)
- क्रिया-विशेषण (Adverb): क्रिया की विशेषता बताता है। (भेद: रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक)